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Thursday, June 13, 2013

ऐसा इश्क़

सही ग़लत से परे,
नफे नुकसान से बेमतलब,
जिंदगी और मौत से थोड़ा आगे,
रस्मो रिवॉज़ो से बेपरवाह,

सहूलियत और परेशानी से अलग,
समझ और नासमझ से अजनबी,
आसमान से बुलंद, गर्त से गहरा,
गैरत से नीचे, गुरूर से उपर,

दिल का ही नहीं, नसों में दौड़ता,
आखों और जिस्म का नहीं, रूह में लिपटा,

इश्क़ हो जनाब, तो बस यूँ हो |


In case you suspected, the opening line is inspired by the last dialogue of the movie "Rockstar".

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