This is a couplet originally written by Vikram Seth which I have translated on a whim. Here is the link to original couplet my Mr. Seth: Night Watch:
इस रुकी हुई बेचैन रात में,
घंटो जगते हुए, छत को तक्ते हुए,
एक ख्याल मेरे दिल को खाए जाता है,
के शायद सुबह आई आज बिना रोशनी के |
- Vikram Seth
इस रुकी हुई बेचैन रात में,
घंटो जगते हुए, छत को तक्ते हुए,
एक ख्याल मेरे दिल को खाए जाता है,
के शायद सुबह आई आज बिना रोशनी के |
- Vikram Seth
No comments:
Post a Comment