Since I am trying a few things these days, I came across this beautiful poem " If you forget me" by Pablo Neruda and decided to translate it in Hindi. Since it is my first attempt at translating a poem, in case you care, be gentle :)
Here is the link for the poem translated in English If you forget me - by Pablo Neruda. English translation is not by me so you should enjoy it a lot more :)
So, here goes nothing
एक बात जान लो
तुम्हें पता है ये,
मेरी खिड़की से दिखता हुआ चाँद
वो पतझड़ की लाल सी टहनी
को गर मैं देखूं
उन सर्दियों की रातों में
उस भुर्भुरी सी राख को
या उस झुर्रीदार जलती लकड़ी को
को गर मैं छू लूँ
हर चीज़ खींचती है मुझे तेरी ओर
के जैसे जो भी है,
खुश्बू, रोशनी, पथ्हर,
सब वो कश्तीयाँ हैं
जो चलती हैं
मेरा इंतजार करते, तेरे किनारों की ओर
मगर अब,
गर तू मुझसे दूर जाएगा ज़रा ज़रा
ज़रा ज़रा मैं भी तुझसे फ़ासले बना लूँगा
गर अचानक
तू मुझे भूलेगा
तो मुझे तलाश ना करना
के मैं तो तुझे पहले ही भुला दूँगा
जो तू सोच के मेरी
उस हालात की आँधी
जो गुज़रेगी मेरी जिंदगी से
छोड़ देगा मुझे दिल के उस किनारे पे
जहाँ जड़ें हैं मेरी
याद रख
उसी दिन और उसी वक़्त
अपनी जड़ों को निकाल के
मैं भी किसी और किनारे की तलाश में चला जाऊँगा
मगर
गर तू रोज
हर वक़्त
अपनी किस्मत में मुझे देखे
गर एक गुलाब तेरे लबों पे मेरी तलाश करे
ए यार मेरे,
दिल का जुनून फिर से हरा हो जाएगा
मेरे अंदर, ना कुछ बुझा, ना कुछ भूला
तेरे इश्क़ से जिंदा है मेरा इश्क़
तू जब तक जिए तेरे पास रहे
मेरे भी ये साथ रहे
- Pablo Neruda
Here is the link for the poem translated in English If you forget me - by Pablo Neruda. English translation is not by me so you should enjoy it a lot more :)
So, here goes nothing
एक बात जान लो
तुम्हें पता है ये,
मेरी खिड़की से दिखता हुआ चाँद
वो पतझड़ की लाल सी टहनी
को गर मैं देखूं
उन सर्दियों की रातों में
उस भुर्भुरी सी राख को
या उस झुर्रीदार जलती लकड़ी को
को गर मैं छू लूँ
हर चीज़ खींचती है मुझे तेरी ओर
के जैसे जो भी है,
खुश्बू, रोशनी, पथ्हर,
सब वो कश्तीयाँ हैं
जो चलती हैं
मेरा इंतजार करते, तेरे किनारों की ओर
मगर अब,
गर तू मुझसे दूर जाएगा ज़रा ज़रा
ज़रा ज़रा मैं भी तुझसे फ़ासले बना लूँगा
गर अचानक
तू मुझे भूलेगा
तो मुझे तलाश ना करना
के मैं तो तुझे पहले ही भुला दूँगा
जो तू सोच के मेरी
उस हालात की आँधी
जो गुज़रेगी मेरी जिंदगी से
छोड़ देगा मुझे दिल के उस किनारे पे
जहाँ जड़ें हैं मेरी
याद रख
उसी दिन और उसी वक़्त
अपनी जड़ों को निकाल के
मैं भी किसी और किनारे की तलाश में चला जाऊँगा
मगर
गर तू रोज
हर वक़्त
अपनी किस्मत में मुझे देखे
गर एक गुलाब तेरे लबों पे मेरी तलाश करे
ए यार मेरे,
दिल का जुनून फिर से हरा हो जाएगा
मेरे अंदर, ना कुछ बुझा, ना कुछ भूला
तेरे इश्क़ से जिंदा है मेरा इश्क़
तू जब तक जिए तेरे पास रहे
मेरे भी ये साथ रहे
- Pablo Neruda